मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पालन में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे नवाचारों पर प्रसन्नता व्यक्त कर स्कूल शिक्षा विभाग को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश का हर बच्चा पढ़े-लिखे, आगे बढ़े, इसके लिए पूरी सरकार समर्पित होकर कार्य कर रही है। उन्होंने विभाग को यह निष्ठा भाव बनाए रखने और हर बच्चे को शिक्षा मिले, उसे समय पर पुस्तकें, गणवेश, छात्रवृत्ति, साईकिल और अन्य आवश्यक सुविधाएं मिलें, इसके लिए सदैव प्रयत्नशील रहने के निर्देश दिए हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अवगत कराया कि स्कूल शिक्षा विभाग के अधीन म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड (ISO 9001 : 2015 Certified) द्वारा विद्यार्थियों के हित में कुल 11 प्रकार के नवाचार किए गए हैं। इन नवाचारों को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। हमारा प्रयास है कि इस बोर्ड के माध्यम से हम प्रदेश के हर उस बच्चे तक पहुंचें, जो मुक्त स्कूल के जरिए शिक्षा पाना चाहता है।
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश योजना
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बिन्दु क्रमांक 16.4 में उल्लेख है कि व्यावसायिक शिक्षा को इस तरह से एकीकृत किया जाये, जिससे प्रत्येक बच्चा कम से कम एक व्यवसाय से जुड़े कौशलों को सीखे। इसी व्यवस्था के परिपालन में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश योजना प्रारंभ की गयी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत योजना के अनुक्रम में कौशल वृद्धि के लिए मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के माध्यम से एक महत्वाकांक्षी पायलट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया गया है। इसमें हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, माटी कला, सोलर एनर्जी, परिधान निर्माण, बांस कला इत्यादि क्षेत्रों में रोजगार मूलक प्रशिक्षण प्रारंभ किए जा रहे है। प्रशिक्षित होने वाले लोग एक ओर रोजगार से जुड़ेंगे, वहीं दूसरी ओर कक्षा 6 से प्रारंभ होने वाले व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए एक रिसोर्सपर्सन के रूप में भी उपलब्ध होंगे। इस योजना में प्रदेश के 100 आकांक्षी युवाओं को आवासीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उन्हें रोजगार से भी जोड़ा जाएगा। इस योजना को ह्यूमन कैपिटल बैंक के रूप में प्रारंभ किया जा रहा है। इसका आशय है कि जनभागीदारी से धन दान के रूप में मांग कर बैंक स्थापित किया जा रहा है। प्रदेश के एक जिले में कौशल विकास के लिए राज्य स्तरीय उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की जा रही है, जिससे निर्धारित कौशलों के विकास के लिये मास्टर ट्रेनर्स तैयार किये जा सकें।