16-Dec-2021 12:30 PM
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जयपुर । आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने मुख्यालय स्थित कॉन्फ्रेंस रूम में सीआईआई- आईजीबीसी (इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल) जयपुर और राजस्थान आवासन मण्डल के संयुक्त तत्वावधान में ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट-वर्तमान की आवश्यकता विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए बताया कि राजस्थान आवासन मण्डल द्वारा पर्यावरण सुधार और भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए सभी निर्माणाधीन बहुमंजिला भवनों को ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रमुख रूप से विधायक आवास परियोजना, एआईएस रेजीडेंसी, कोचिंग हब और मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत प्रताप नगर तथा इंदिरा गांधी नगर योजना में निर्माणाधीन बहुमंजिला भवनों को ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर बनाया जा रहा है। आईजीबीसी, जयपुर चैप्टर के चैयरमैन श्री जैमनी ऑबेराय द्वारा ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट के सम्बंध में प्रस्तुतिकरण दिया गया। अरोडा ने ग्रीन बिल्डिंग के फायदों के बारे में बताया कि इस कॉन्सेप्ट पर बिल्डिंग निर्माण से जलवायु परिवर्तन को रोकने में मदद मिलेगी और उपभोक्ताओं को कम कीमत पर किफायती आवास मिल सकेंगे। इसके साथ ही ऊर्जा और जल संरक्षण की वजह से भविष्य में पानी और बिजली पर किये जाने वाले व्यय भी कम हो सकेंगे। उन्होंने बताया कि ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट को जो भी संस्थान अपनाते हैं, उन्हें ज्यादा सम्मान और प्रतिष्ठा की दृष्टि से देखा जाता है। उन्होंने बताया कि राजस्थान की गिनती देश के उन अग्रणी राज्यों में होती हैं, जहां ग्रीन बिल्डिंग को प्रोत्साहित करने के लिए अतिरिक्त एफएआर (बीएआर) दिया जाता है। राज्य सरकार द्वारा जो नये बिल्डिंग बायलॉज बनाए हुए हैं, उनमें ग्रीन बिल्डिंग को प्रोत्साहित करने के लिये अतिरिक्त एफएआर दिया जाने का प्रावधान है।
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