मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश के सभी नगरों में चल रहे सीवरेज प्रोजेक्ट्स जल्द से जल्द पूरे किये जायें। सीवरेज के लिए स्थायी प्रकृति के काम हों। शहरों के वेस्ट वाटर का नदियों में निस्तारण (डिस्पोजल) न होने पाए, इससे हमारी नदियां प्रदूषित होने से बचेंगी। उन्होंने कहा कि सॉलिड वेस्ट के साथ लिक्विड वेस्ट (गंदा पानी) के समुचित निस्तारण पर भी विशेष ध्यान देकर प्रभावी कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंगलवार को मंत्रालय में मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के संचालक मंडल की 10वीं बैठक की अध्यक्षता कर संबोधित कर रहे थे।
बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री तथा म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के उपाध्यक्ष एवं संचालक श्री कैलाश विजयवर्गीय, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी, मुख्य सचिव एवं म.प्र. अर्बन डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड के उपाध्यक्ष एवं संचालक श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय एवं कंपनी के संचालक डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा एवं कंपनी के संचालक श्री नीरज मंडलोई, अपर मुख्य सचिव नगरीय विकास एवं आवास एवं कंपनी के संचालक श्री संजय कुमार शुक्ला, प्रमुख सचिव वित्त एवं कंपनी संचालक श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव पीएचई एवं कंपनी के संचालक श्री पी.नरहरि, मुख्यमंत्री के सचिव एवं आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास एवं कंपनी के प्रबंध संचालक श्री सिबी चक्रवर्ती एम. सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल और इंदौर जल्द ही मेट्रोपॉलिटन सिटी बनने की ओर बढ़ रहे हैं। इसलिए अपने कार्य में महारत हासिल करने वाले अच्छे शहर नियोजकों को अर्बन कंपनी से जोड़ें। दोनों शहरों की भावी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इनकी सिस्टमेटिक प्लानिंग करें। सड़क, लोक परिवहन एवं सीवरेज ट्रीटमेंट में विशेषज्ञता रखने वाले विशेषज्ञ व्यक्तियों को भी इस कंपनी से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि अर्बन डेवलपमेंट कंपनी की बैठक कंपनी लॉ के मुताबिक नियमित रूप से कराई जाएं। इससे लंबित कार्य प्रस्तावों का समय-समय पर अनुमोदन किया जा सकेगा। साथ ही कंपनी के कार्यों में नियमितता आएगी और निर्माण कार्यों की लागत भी नहीं बढ़ेगी।